चंडीगढ़ – चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आज आयोजित पत्रकार वार्ता में गुरुदवारा कलगीधर बरु साहिब की हेड गरंथी बीबी इंदरजीत कौर ने बताया की ट्रस्ट के बाबा जी वर्ष 1987 में उन्हें गुरुदवारा साहिब में लेकर आये थे। उन्होंने बताया कि वे गुरू ग्रंथ साहिब जी की सेवा करती हैं। उन्होंने बताया कि 24 जून 2016 को रात 11 बजे गुरुदवारे के बी ब्लॉक की उपरली मंजिल में रखे गए अखंड पाठ के दौरान गुरू ग्रंथ साहिब जी की मर्यादा की बेअदबी हो रही थी क्योंकि प्रकाश हुए गुरू ग्रंथ साहिब जी के पास ही गुरू के सेवक चन्दोआ बांध रहे थे और बख्शीश सिंह भी वही खड़े होकर देख रहे थे जो बिलकुल मर्यादा के उल्ट था ।
तभी मुझे मेरे शिष्यों ने बताया तो मैंने सतबीर कौर व मन्दीप कौर को अपना मोबाइल दिया कि वहाँ की फोटो खींच कर ले आए और वे दोनों फोटो खींचने में कामयाब हो गईं। जिस पर तकरीबन 50-60 युवतियों ने हमें घेर लिया और खींची गईं फोटो को डिलीट करने को कहने लगीं। उक्त युवतियों ने सतबीर कौर व मन्दीप कौर के साथ मारपीट की और एक कमरे में बंद कर दिया। तत्पश्चात उन्होंने मेरे साथ भी मारपीट की, जैसे तैसे मैं उनके चंगुल से बच कर अपने कमरे में आ गई और दरवाजा बंद दिया व उनके दवारा बार बार दरवाजा खटखटाने के बावजूद मैंने दरवाजा नहीं खोला मामला ठंडा होने पर कुछ घंटों के बाद मैंने उक्त दोनों युवतियों का भी दरवाजा खोलकर आजाद कर अपने कमरे में ले आई। अपने आप को सुरक्षित ना पाते हुए हम तीनों पास के मछेर गाँव चले गए।
जहाँ एक व्यक्ति के मोबाइल से वटस अप कर हमने भाइयों को सूचित किया और वापस लौट कर सच खण्ड में सेवा करने लगीं। इस मामले की शिकायत उन्होंने हिमाचल प्रदेश की स्थानीय पुलिस को भी की एवं उक्त 50-60 युवतियों और जगजीत सिंह उर्फ काका, चरणजीत कौर, गुरमेल सिंह एवं रूपिन्द्र कौर पर मामला दर्ज करने को कहा जिस पर पुलिस ने उन्ह सभी युवतियों पर एफ आई आर दर्ज करके मामले की तहकीकात शुरू की लेकिन जगजीत सिंह उर्फ काका, चरणजीत कौर, गुरमेल सिंह एवं रूपिन्द्र कौर पर मामला दर्ज किया । उधर इस मामले में गुस्साए हुए पंजाब व हरियाणा के विभिन्न धार्मिक समुदायों व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों दवारा मांग की कि इस मामले में निष्पक्षता से जांच की जाए एवं गुरुदवारे के प्रबंधक कमेटी के सदस्यों, जगजीत सिंह उर्फ काका, चरणजीत कौर, गुरमेल सिंह एवं रूपिन्द्र कौर पर भी मामला दर्ज किया जाए।